इतनी मोहब्बत ना कर ऐ ज़माने,
कितनी लम्बी है ये रात, कौन जाने?
मायूसियां छा जाएँगी तेरी तन्हाईयों में,
इसका इल्म है तुझे, तू माने.. ना माने.
इतनी मोहब्बत ना कर ऐ ज़माने,
कितनी लम्बी है ये रात, कौन जाने?
मायूसियां छा जाएँगी तेरी तन्हाईयों में,
इसका इल्म है तुझे, तू माने.. ना माने.