याद

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सुलगती रहती है सुर्ख कोयले की आंच सी तेरी तलब।

कपकपांती सर्द में तेरी छुअन, ये रूह चाहती है।।

पर मोहताज नहीं तुझसे वस्ल के हम।

जब तू नहीं आती, तेरी याद आती है।।

Glossary:
छुअन = touch
वस्ल = catchup, meeting
मोहताज = dependent, slave to

नूर-ए-एहसास

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खुद की हक़ीक़त को अनसुना सा कर दूँ, पर,

तेरी रूह की आरज़ू की मुझको खबर है.

तेरी छुअन को कैसे कुरेदूँ ना,

तेरा नूर-ए-एहसास ही इस कदर है.